Saturday, 26 October 2019

ज़हन में अजीब उलझन लिये घूमता हूं।

सड़को पर मुस्कुराते हुए चलता हूं।
सीने में अंगारे लिए फिरता हूं।
ज़हन में अजीब उलझन लिये घूमता हूं।
कुछ तो बताओ अब मैं बहुत तन्हा रहता हूं

                       🖤सकलैन अब्बास जाफरी